माँ पर कविता | Inspirational Poem On Mother In Hindi

नमस्कार दोस्तों आज इस पोस्ट में हम बेहतरीन माँ पर कविता और शायरी (poem on maa in hindi) लेकर आये है। अपनी माँ हर बच्चे के लिए खास होती है। अपनी माँ को एक सुन्दर माँ कविता भेजने के लिए हम यहाँ आपके लिए मां पर कविता (hindi poem on mother), स्वर्गीय माँ पर कविता (mother poem in hindi) दिए गए है। ये माँ पर मार्मिक कविता (beautiful small poem on mother in hindi) आप आपके माता, पिता, दोस्त, रिश्तेदार या फिर प्रेमी को भेज सकते है। तो ये माँ के आँचल पर कविता (emotional mothers day poem in hindi) आपको माँ पर कविता हिंदी में short कैसे लगे ये हमें जरूर बताये।

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Poem on mother in hindi

माँ पर कविता

ना किसी का साथ चाहिए
ना किसी का प्यार चाहिए

भले ही हु जाऊ सबसे बेगाना 🌷
फिर भी मेरी मां से मुझे
वही बचपन वाला प्यार चाहिए 💞
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inspirational poem on mother in hindi

माँ नाम हैं ब़हुत ही छोटा
लेक़िन वह ही हैं धरतीं सें भी ब़ड़ी 😄
चलना हमें सीख़ते हैं माँ
मन्जिल हमें दिखाती हैं माँ

सब़से मीठा ब़ोल हैं माँ
दुनियां मे अनमोल हैं माँ 👪
माँ ही हमें डान्टती हैं
माँ हीं हमें प्यार क़रती हैं
माँ ही हैं हमारें सब़ कुछ
माँ से आग़े कोईं नहींं हैं 💗
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poem on mother in hindi

हम ज्ञान हैं तो वह ज्ञानी हैं
इनसे ही पूरी हमारी कहानी है
हम जग हैं वह जहाँ है 😄
वो नहीं तो हम कहाँ हैं
माँ के होने से जीवन में रंग है
वरना जिंदगी बेरंग है 💞
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माँ की याद कविता

ममता क़ी मूरत हो़ तुम
भग़वान क़ी सूरत हों तुम 😄
तुम हों ज़ीवन मे वरदान
ब़िन तुम्हारें जहां वीरान
तुम हों तो यह युग़ चलें
हें स्वर्गं तुम्हारे पैंर तलें 🌷

तुम हो ज़ीवन का सन्चार
ब़हे तुम मे क़रुणा प्यार
हें मात तुम्हारें चरणो को
क़रता मे नित नित नमन
तुम ही मेरीं श्रद्धा हों
तुम ही हों मेरा ज़ीवन 💗
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माँ की याद कविता

short small poem on mother in hindi

मेरें चेहरें पर मुस्क़ान देख़
तुम भी मुस्कराया क़रती हो 😄
मेरे चेहरें पर उदासी देख़
तुम भी उदास हों ज़ाया क़रती हो
ज़ब क़भी गलती हो जाती मुझसें
तो मुझें समझ़ाया क़रती हो 👪

ज़ब क़भी रुठा क़रता हू
तो मुझें मना क़रती हो
मै जिन्दगी को सही दिशा देक़र
मेरी ज़िन्द़गी सवारा क़रती हो
हां तुम्हारा बेटा हूँ मैं माँ
तुम्हारा हक़़ है सब़से ज्यादा मुझ पर 💞
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ममता क़ी देवीं हैं मां
हर रूप मे अवतरण लेतीं हैं मां
ज़गत क़ी जगज़ननी हैं मां 😄
हर मुश्किलो से ब़चाती हैं मां
जीवन क़ा मूलमंत्र हैं मां

हर इन्सान क़ो जीना सिखातीं है मां 🌷
बच्चों को ज़न्म देती हैं मां
उफ किए ब़िना पाल पोंसती हैं मां
ईंश्वर का स्वरूप हैं मां
जीवन का जीवन्त उदाहरण हैं मां
संसार क़ी ग़रिमा हैं मां
सुख़ी जीवन क़ा पराकाष्ठा हैं मां 💗
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माँ की जान कहाँ होती है? बच्चों में
माँ की आन कहाँ होती है? बच्चों से
माँ का मान कहाँ होता है? बच्चों में
माँ की ममता कहाँ होती है? बच्चों में
माँ की सुबह कहाँ होती है? बच्चों से 👪

माँ की शाम कहाँ होती है? बच्चों में
माँ की आस कहाँ होती है? बच्चों से
माँ की सोच कहाँ होती है? बच्चो में
माँ का अंत कहाँ होता है? बच्चों में
माँ की जान कहाँ होती है? बच्चों में 😄
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माँ पर कविता हिंदी में

माँ पर कविता हिंदी में

मैं जब भी इस धरती पर आऊ
बस मेरी माँ की ही गोद पाऊ 😄
तुझे छोड़कर माँ में कही जा जाऊ
हर जन्म में तुझे ही अपनी माँ पाऊ 💞
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माँ की ममता करुणा न्यारी
जैसे दया की चादर
शक्ति देती नित हम सबको
बन अमृत की गागर
साया बन कर साथ निभाती
चोट न लगने देती
पीड़ा अपने उपर ले लेती 🌷
सदा सदा सुख देती

माँ का आँचल सब खुशियों की
रंगा रंग फुलवारी
इसके चरणों में जन्नत है
आनन्द की किलकारी 😄
अदभुत माँ का रूप सलोना
बिलकुल रब के जैसा
प्रेम के सागर सा लहराता
इसका अपनापन ऐसा 💗
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हर एक साँस की कहानी है तू 👪
परी कोई प्यारी आसमानी है तू
जीती मरती है तू औलाद की खातिर
सिर्फ ममता की भूखी दीवानी है तू 💞
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मीठा मीठा बोल के
करती है जो मीठी बातें
समय रहते कर लो 😄
अपनी मां की कदर
नहीं तो उनके जाने के बाद
सिर्फ रह जाती हैं उनकी यादें 💗
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मैं माँ को प्यार करता हूँ
इसलिए नहीं कि जन्म दिया है
उसने मुझेमैं माँ को प्यार करता हूँ
इसलिए नहीं कि पाला पोसा है 🌷

उसने मुझेमैं माँ को प्यार करता हूँ
इसलिए कि उससे
अपने दिल की बात कहने के लिए
मुझे शब्दों की ज़रूरत नहीं पड़ती 💞
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बड़े ही जत्न सें पाला हैं माँ नें
हर एक़ मुश्कि़ल क़ो टाला हैं माँ ने
ऊँग़ली पकड़क़र चलना सिख़ाया
ज़ब भी गिरें तो सम्भाला हैं माँ ने 😄
चारो तरफ़ से हमकों थे घेरें
ज़ालिम ब़ड़े थे मन के अन्धेरे

बैठें हुए थे सब़ मुह फेरें
एक़ माँ ही थी दीपक़ मेरे ज़ीवन मे 👪
अन्धकार मे डूबें हुए थें हम
क़िया ऐसें मे उ़जाला हैं माँ ने

मिलेगा ना दुनियां मे माँ सा कोईं
मेरी आंखे ब़ड़ी तो वो साथ़ रोईं
बिना उसकीं लोरी के न आतीं थी निन्दियां
जादू सा क़र डाला हैं माँ ने
ब़ड़ी ही ज़तन से पाला हैं माँ ने
हर एक़ मुश्कि़ल को टाला हैं माँ ने 💗
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माँ अपना साया बनाये रखना
प्यार से अपने सजाये रखना
तू मेरा भगवान है 😄
तेरे होने से ही माँ
घर स्वर्ग का द्वार है
मेरे सर्वस्व की पहचान
अपने आँचल की दे छाँव
ममता की वो लोरी गाती 🌷
मेरे सपनों को सहलाती
गाती रहती मुस्कराती जो
वो है मेरी माँ

प्यार समेटे सीने में जो
सागर सारा अश्कों में जो
हर आहट पर मुड़ आती जो
वो है मेरी माँ
दुख मेरे को समेट जाती
सुख की खुशबू बिखेर जाती
ममता की रस बरसाती जो
वो है मेरी माँ 💞
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Short small poem on mother in hindi

maa poem in hindi

घेर लेता है मुझे 😄
जब दुनिया का अंधेरा
बिना दिए के रोशनी कर देती है
मुझसे जरा कम पड़ी है मेरी मां 👪
लेकिन मेरी मुश्किलों को वह
दो पल में ही हल कर देती है
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तेरा प्यार मरहम है माँ 😄
जो मेरे सारे जख्म भर देता है
तेरे रहने से ही रोशन मेरा जहाँ है
तूने मेरे खातिर न जाने
कितने गमो को सहा है 💗
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प्यारी प्यारी मेरी माँ
सारे जग से न्यारी माँ 😄
लोरी रोज सुनाती है
थपकी दे सुलाती है
जब उतरे आगन में धुप
प्यार से मुझे जगाती है
देती चीजे सारी माँ 🌷
प्यारी प्यारी मेरी माँ

ऊँगली पकड़ चलाती है
सुबह शाम घुमाती है
ममता भरे हुए हातो से
खाना रोज खिलाती है
देवी जैसी मेरी माँ
सारी जग से न्यारी माँ
प्यारी प्यारी मरी माँ 💞
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खुशियों का माँ तू बाग है
तुझसे ही जीवन का राग है
माँ के साथ जिंदगी आसान है
नहीं तो सब परेशान है 💗
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बहुत याद आती है माँ
जब भी होती थी मैं परेशान
रात रात भर जग कर
तुम्हारा ये कहना कि
कुछ नहीं सब ठीक हो जाएगा
याद आता है मेरे सफल होने पर 👪
तेरा दौड़ कर खुशी से गले लगाना
याद आता है माँ तेरा शिक्षक बनकर
नई नई बातें सिखाना
अपना अनोखा ज्ञान देना
याद आता है माँ

कभी दोस्त बन कर
हँसी मजाक कर
मेरी खामोशी को समझ लेना
याद आता है माँ
कभी गुस्से से डाँट कर
चुपके से पुकारना
फिर सिर पर अपना 🌷
स्नेह भरा हाथ फेरना
याद आता है माँ

बहुत अकेली हूँ
दुनिया की भीड़ में
फिर से अपना
ममता का साया दे दो माँ
तुम्हारा स्नेह भरा प्रेम
बहुत याद आता है माँ 💞
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Maa poem in hindi

small poem on mother in hindi

हमारे हर मर्ज की दवा होती है माँ
कभी डाँटती है हमें तो कभी गले लगा लेती है माँ

हमारी आँखोँ के आंसू अपनी आँखोँ मेँ समा लेती है माँ 👪
अपने होठोँ की हँसी हम पर लुटा देती है माँ

हमारी खुशियोँ मेँ शामिल होकर अपने गम भुला देती है माँ
जब भी कभी ठोकर लगे तो हमें तुरंत याद आती है माँ
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माँ तेरे प्यार का परिंदा हु मैं 😄
पर बिन तेरे कहाँ जिन्दा हु मैं
सबने मुझे ठुकराया है
बस माँ तुमने ही हमेशा अपनाया है 💗
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तू चुप चुप क्यों रोई माँ
नहीं रात भर सोई माँ
गरम आंसुओं से क्यों तूने 👪
चादर बता भिगोई माँ
देख रहा हूँ कई दिनों से
रहती खोई खोई माँ 🌷

भूखी रहकर तूने रांधी
सबके लिए रसोई माँ
तूने सब कुछ लुटा दिया पर
तेरे साथ न कोई माँ
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माँ कबीर की साखी जैसी
तुलसी की चौपाई सी
माँ मीरा की पदावली सी
माँ है ललित रुबाई सी
माँ वेदों की मूल चेतना

माँ गीता की वाणी सी 👪
माँ त्रिपिटिक के सिद्ध सुत्त सी
लोकोक्तर कल्याणी सी
माँ द्वारे की तुलसी जैसी
माँ बरगद की छाया सी
माँ कविता की सहज वेदना

महाकाव्य की काया सी
माँ अषाढ़ की पहली वर्षा
सावन की पुरवाई सी
माँ बसन्त की सुरभि सरीखी

बगिया की अमराई सी 🌷
माँ यमुना की स्याम लहर सी
रेवा की गहराई सी
माँ गंगा की निर्मल धारा
गोमुख की ऊँचाई सी
माँ ममता का मानसरोवर

हिमगिरि सा विश्वास है
माँ श्रृद्धा की आदि शक्ति सी 😄
कावा है कैलाश है
माँ धरती की हरी दूब सी
माँ केशर की क्यारी है
पूरी सृष्टि निछावर जिस पर
माँ की छवि ही न्यारी है

माँ ममता की खान है
माँ की उपमा केवल है
माँ सचमुच भगवान है 💞
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क्या हुआ माँ अगर तुम कुछ कह नहीं सकती
लेकिन हम तो सब सुन लेते है 😄
क्या हुआ माँ अगर तुम बता नहीं सकती
लेकिन हम तो सब कर देते है
क्या हुआ माँ अगर तुम जता नहीं सकती
लेकिन हम तो महसूस कर लेते है
क्या हुआ अगर तुम चल नहीं सकती 🌷
लेकिन हम तो आ जाते है

क्या हुआ माँ अगर तुम बना नहीं सकती
लेकिन हम तो सब चख लेते है
क्या हुआ माँ अगर तुम पूजा नहीं कर सकती 👪
लेकिन हमारी तो तुम ही भगवान हो
क्या हुआ माँ अगर तुम आशाएं छोड़ चुकी हो
लेकिन हम तो उम्मीदों के दामन थामे है
माँ तुम ऐसा जीवन अमृत हो
जिसे हम हर रोज पीते है 💗
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हर मुश्किल से माँ तुम लड़ी हो
तुम खुदा से भी बड़ी हो
मेरे अरमानो की तुमसे उड़ान है
जग में माँ तु सबसे महान है 😄
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घुटनों से रेंगते रेंगते
कब पैरों पर खड़ी हुई 😄
तेरी ममता की छाँव में
जाने कब बड़ी हुई
काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है 👪

मैं ही मैं हूँ हर जगह
माँ प्यार ये तेरा कैसा है?
सीधी साधी भोली भाली
मैं ही सबसे अच्छी हूँ
कितनी भी हो जाऊ बड़ी
माँ मैं आज भी तेरी बच्ची हूँ 💞
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बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ 😄
याद आता है चौका बासन चिमटा फुँकनी जैसी माँ
बाँस की खुर्री खाट के ऊपर हर आहट पर कान धरे
आधी सोई आधी जागी थकी दुपहरी जैसी माँ

चिड़ियों के चहकार में गूँजे राधा मोहन 🌷
मुर्गे की आवाज़ से खुलती घर की कुंड़ी जैसी माँ
बीवी बेटी बहन पड़ोसन थोड़ी थोड़ी सी सब में
दिन भर इक रस्सी के ऊपर चलती नटनी जैसी माँ 👪

बाँट के अपना चेहरा माथा आँखें जाने कहाँ गई
फटे पुराने इक अलबम में चंचल लड़की जैसी माँ
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poem on maa in hindi

औलाद के लिए कितना दर्द सहती है
कितनी मजबूत होती है माँ 😄
सारे गमो को खुद ही पी जाती है
और घर में खुशियों को बांटती है
माँ से रूठ के जावोगे कहां
माँ से अच्छा दोस्त पाओगे कहां 💗
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तू धरती पर ख़ुदा है माँ
पंछी को छाया देती पेड़ों की डाली है तू माँ
सूरज से रोशन होते चेहरे की लाली है तू
पौधों को जीवन देती है मिट्टी की क्यारी है तू 👪
सबसे अलग सबसे जुदा
माँ सबसे न्यारी है तू 😄

तू रोशनी का खुदा है माँ
बंजर धरा पर बारिश की बौछार है तू माँ
जीवन के सूने उपवन में कलियों की बहार है तू
ईश्वर का सबसे प्यारा और सुंदर अवतार है तू माँ
तू फरिश्तों की दुआ है माँ
तू धरती पर ख़ुदा है माँ 💞
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घर में अकेली माँ ही बस
सबसे बड़ी पाठशाला है 👪
जिसने जगत को पहले पल
ज्ञान का दिया उजाला है

माँ से हमने जीना सीखा
माँ में हमको ईश्वर दीखा
हम तो हैं माला के मनके
माँ मनकों की माला है 🌷

माँ आँखों का मीठा सपना
माँ साँसों में बहता झरना
माँ है एक बरगद की छाया
जिसने हमको पाला है

माँ कितनी तकलीफ़ें झेल
बाँटे सुख सबके दुख ले ले
दया धर्म सब रूप हैं माँ के
और हर रूप निराला है 💗
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माँ मैं फिर जीना चाहता हूँ
तुम्हारा प्यारा बच्चा बनकर
माँ मैं फिर सोना चाहता हूँ
तुम्हारी लोरी सुनकर 👪
माँ मैं फिर दुनिया की तपिश का सामना करना चाहता हूँ
तुम्हारे आँचल की छाया पाकर
माँ मैं फिर अपनी सारी चिंताएँ भूल जाना चाहता हूँ
तुम्हारी गोद में सिर रखकर
माँ मैं फिर अपनी भूख मिटाना चाहता हूँ
तुम्हारे हाथों की बनी सूखी रोटी खाकर
माँ मैं फिर चलना चाहता हूँ
तुम्हारी ऊँगली पकड़ कर 😄
माँ मैं फिर जगना चाहता हूँ
तुम्हारे कदमों की आहट पाकर
माँ मैं फिर निर्भीक होना चाहता हूँ
तुम्हारा साथ पाकर
माँ मैं फिर सुखी होना चाहता हूँ
तुम्हारी दुआएँ पाकर
माँ मैं फिर अपनी गलतियाँ सुधारना चाहता हूँ
तुम्हारी चपत पाकर
माँ मैं फिर संवरना चाहता हूँ
तुम्हारा स्नेह पाकर 💞
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माँ का जोड़ धरती पर कोई नहीं
माँ तेरे बराबर कोई नहीं
तेरी ममता है सागर से भी गहरी
सारा जग है इस ममता का ग्रहणी 😄
माँ तेरे बराबर कोई नहीं

तू है जीवन की नदियाँ
तुमसे ही खिलती है बगियाँ
अगर माँ नहीं रहेगा तेरा आँचल
तो आखे मेरी करेंगी जल थल
तरसता रहूँगा पल पल 🌷
नहीं जी पाउँगा में कल

तू ही मेरी आस है माँ
जिंदगी की साँस हैं माँ
बिन तेरे कहा में रहा पाउँगा
जब कभी तेरा नाम पुकारू
दुःख दर्द से मैं दूर हो जाऊ 👪
फिर क्यों ना तुझको मैं यु चाहु
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माँ भूलती नहीं याद रखती है हर टूटा सपना
नहीं चाहती कि उसकी बेटी को भी पड़े
उसी की तरह आग में तपना
माँ जानती है जिन्दगी कि बगिया में
फूल कम शूल अधिक हैं
उसे यह भी ज्ञात है कि 👪
समय सदा साथ नहीं देता
वह अपनी राजदुलारी को
रखना चाहती है महफूज़ नहीं चाहती कि
उस जान से ज्यादा अज़ीज़ बेटी पर
कभी भी उठे उँगली
इसलिए वह भीतर से
नर्म होते हुए भी ऊपर से
दिखती है कठोर
जैसे रात की सियाही छिपाए रहती है
अपने दामन में उजली भोर 💗
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भारी बोझ पहाड़ सा कुछ हल्का हो जाए
जब मेरी चिंता बढ़े माँ सपने में आए
बोसे बीवी के हँसी बच्चों की आँखें माँ की
क़ैद ख़ाने में गिरफ़्तार समझिए हम को 🌷

माँ ख़्वाब में आ कर ये बता जाती है हर रोज़
बोसीदा सी ओढ़ी हुई इस शाल में हम हैं
माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है
आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है
ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता
में जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सज्दे में रहती है 💞
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हजारो दुखड़े सहती है माँ
फिर भी कुछ ना कहती है माँ
हमारा बेटा फले और फुले
यही तो मंतर पढ़ती है माँ

हमारे कपड़े कलम और कॉपी
बड़े जतन से रखती है माँ 👪
बना रहे घर बंटे न आँगन
इसी से सबकी सहती है माँ

रहे सलामत चिराग घर का
यही दुआ बस करती है माँ
बढ़े उदासी मन मे जब जब
बहुत याद मे रहती है माँ

नजर का कांटा कहते है सब
जिगर का टुकड़ा कहती है माँ
मेरे हृदय मे हरदम
ईश्वर जैसी रहती है माँ 💗
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मैं अपने छोटे मुख कैसे करूँ तेरा गुणगान
माँ तेरी समता में फीका सा लगता भगवान

माता कौशल्या के घर में जन्म राम ने पाया
ठुमक ठुमक आँगन में चलकर सबका हृदय जुड़ाया
पुत्र प्रेम में थे निमग्न कौशल्या माँ के प्राण
माँ तेरी समता में फीका सा लगता भगवान 👪

दे मातृत्व देवकी को यसुदा की गोद सुहाई
ले लकुटी वन वन भटके गोचारण कियो कन्हाई
सारे ब्रजमंडल में गूँजी थी वंशी की तान
माँ तेरी समता में फीका सा लगता भगवान

तेरी समता में तू ही है मिले न उपमा कोई
तू न कभी निज सुत से रूठी मृदुता अमित समोई 🌷
लाड़ प्यार से सदा सिखाया तूने सच्चा ज्ञान
माँ तेरी समता में फीका सा लगता भगवान

कभी न विचलित हुई रही सेवा में भूखी प्यासी
समझ पुत्र को रुग्ण मनौती मानी रही उपासी
प्रेमामृत नित पिला पिलाकर किया सतत कल्याण
माँ तेरी समता में फीका सा लगता भगवान 😄

विकल न होने दिया पुत्र को कभी न हिम्मत हारी
सदय अदालत है सुत हित में सुख दुख में महतारी
काँटों पर चलकर भी तूने दिया अभय का दान
माँ तेरी समता में फीका सा लगता भगवान 💗
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माँ तू एक नदी है
तेरा एक कतरा हु मैं
तुझमे बह रहा हु मैं
तुझसे कह रहा हु मैं
की ऑक्सीजन हो तुम मेरी 👪

पिता हाइड्रोजन है
तेरी भाप बन जाउ मैं
मिटने के बाद
कभी अलग न होउ
तुझमे सिमटने के बाद
माँ धार का हिस्सा है प्यार तेरा
मुझसे तू तुझमे है पूरा संसार मेरा 💞
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लब्बो पर उसके कभी बदुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती
इस तरह वो मेरे गुन्हो को धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो बस रो देती है 👪

मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसु
मुदतो माँ ने नहीं धोया दुपटा अपना
अभी जिन्दा है मेरी माँ मुझे कुछ नहीं होगा
मै जब घर से निकलता हूँ तो दुआ भी साथ चलती है मेरे
जब भी कश्ती मेरी शेलाब में आ जाती है 🌷
माँ दुआ करती हुई खुआब में आ जाती है

ए अँधेरे देख ले तेरा मुंह कला हो गया
माँ ने आंखे खोल दी और घर में उजाला हो गया
मेरी खुआइश है की मै फिर से फ़रिश्ता हो जाऊ
माँ से इस तरह लिपटू की फिर से बच्चा हो जाऊ
माँ के यूँ कभी खुलकर नहीं रोना
जहाँ बुनियाद होती है वहा इतनी नमी अच्छी नहीं होती 💞
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Small poem on mother in hindi

हज़ारों दुखड़े सहती है माँ
फिर भी कुछ ना कहती है माँ
हमारा बेटा फले औ फूले
यही तो मंतर पढ़ती है माँ

हमारे कपड़े कलम औ कॉपी
बड़े जतन से रखती है माँ
बना रहे घर बँटे न आँगन 🌷

इसी से सबकी सहती है माँ

रहे सलामत चिराग घर का
यही दुआ बस करती है माँ
बढ़े उदासी मन में जब जब
बहुत याद में रहती है माँ

नज़र का कांटा कहते हैं सब
जिगर का टुकड़ा कहती है माँ
मनोज मेरे हृदय में हरदम
ईश्वर जैसी रहती है माँ 💗
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माँ ने लिखा है ख़त में जहाँ जाओ ख़ुश रहो
मुझ को भले न याद करो घर न भूलना
बूढ़ी माँ का शायद लौट आया बचपन 👪
गुड़ियों का अम्बार लगा कर बैठ गई
दिन भर की मशक़्क़त से बदन चूर है लेकिन
माँ ने मुझे देखा तो थकन भूल गई है

मैं ने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दें
सिर्फ़ इक काग़ज़ पे लिक्खा लफ़्ज़ ए माँ रहने दिया
सुरूर ए जाँ फ़ज़ा देती है आग़ोश ए वतन सब को
कि जैसे भी हों बच्चे माँ को प्यारे एक जैसे हैं 💞
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beautiful small poem on mother in hindi

क्या सीरत क्या सूरत थी
माँ ममता की मूरत थी 😄
पाँव छुए और काम बने
अम्मा एक महूरत थी
बस्ती भर के दुख सुख में
एक अहम ज़रूरत थी
सच कहते हैं माँ हमको 👪
तेरी बहुत ज़रूरत थी
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धुप में छाया जैसे
प्यास में दरिया जैसे
तन में जीवन जैसे
मन में दर्पण जैसे 👪
हाथ दुआओं वाले रोशन करे उजाले
फूल पे जैसे शबनम सांस में जैसे सरगम
प्रेम की मूरत दया की सूरत
ऐसे और कहाँ है जैसी मेरी माँ है

जब भी अँधेरा छा जाये 🌷
वोह दीपक बन जाए
जब इक अकेली रात सताए
वोह सपना बन जाए
अन्दर नीर बहाए
बाहर से मुस्काए
काया वोह पावन सीमथुरा वृन्दावन जैसी
जिसके दर्शन में हो भगवन
ऐसी और कहाँ हैजैसी मेरी माँ है 💞
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मैं ने माँ का लिबास जब पहना
मुझ को तितली ने अपने रंग दिए
मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार 👪
दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार
रौशनी भी नहीं हवा भी नहीं

माँ का नेमुल बदल ख़ुदा भी नहीं
सामने माँ के जो होता हूँ तो
मुझ को महसूस ये होता है कि बच्चा हूँ अभी
वो लम्हा जब मिरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे
मैं एक शाख़ से कितना घना दरख़्त हुई 💗
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बड़ी ही जतन से पाला है माँ ने
हर एक मुश्किल को टाला है माँ ने
उंगली पकड़कर चलना सिखाया
जब भी गिरे तो संभाला है माँ ने 👪
चारों तरफ से हमको थे घेरे
जालिम बड़े थे मन के अंधेरे
बैठे हुए थे सब मुंह फेरे

एक माँ ही थी दीपक मेरे जीवन में 🌷
अंधकार में डूबे हुए थे हम
किया ऐसे में उजाला है माँ ने
मिलेगा ना दुनिया में माँ सा कोई
मेरी आंखें बड़ी तो वो साथ रोई 😄
बिना उसकी लोरी के न आती थी निंदिया
जादू सा कर डाला है माँ ने
बड़ी ही जतन से पाला है माँ ने
हर एक मुश्किल को टाला है माँ ने 💞
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हम आशा करते हैं कि माँ पर बाल कविता संदेश आपको यह जरूर पसंद आया तो हमें कमेंट में बताएं।

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